Sunday 5 January 2020

CITY OF GOLD... MUMBAI



                                                   CITY  OF GOLD - MUMBAI 


मायानगरी मुंबई - कहते है जिसने भी मुंबई को दिल  से अपनाया मुंबई ने उसे दिल से लगाया ,
और भर भर के दिया  .. लाखो लोगो की दिल की धड़कन यह मुंबई - यहाँ आने वाला हर शख्स अपने  आखो में एक सपना लेकर आता है . और मंबई उन सपनो को साकार भि करती है  ,मुंबई का  अपना यहाँ  कोई नहीं है 
लेकिन यहाँ रहने वाला हर शख्स  मंबई को अपना मानकर चलता है। ... आर्थिक राजधानी मुंबई अपने - आप में ही बहुत खास है  , जो अपने जहन में कही राज कही किस्से  दबाकर रखे हुए है। ... 
      आज 603km . secure  में  फहली हुई यह मुंबई  - क्या  आप जानते है , 300  इसा पूर्व में कैसी दिखति थी।   7  आयलैंड   के टुकड़ो में बिखरी थी यह मंबई , उस वक्त कही शासको ने अपना वर्चस्व  इन  आयलैंड पर स्तापित करने की कोशिश की , लईकिन बदलाव की घडि तब आ गई ' जब पुर्तगाल ने अपना कदम इन आयलैंड पर रखा  और साथ ही साथ नाम दिया bombiam  . समय के साथ ब्रिटिश लोगो ने उस वक्त भारत पर आगमन शुरू कर दिया ,और साथ ही साथ शुरू हु मुंबई के बदलाव की कहानी  ... 
     बाद में ब्रिटिश और पुर्तगाल में रिस्तेदारी का मोहोल  तैयार  हुआ , दहेज़ की तौर  पर पोर्तुगाली यो ने bombaim  ब्रिटिशो को सोप दिया , और उसी डरम्यान  7 आयलैंड के नाम भी पड़े 
1 ... coloba 
2 ... little coloba 
3 ... worli 
4 ... mazagaon 
5 ... parel 
6 ... bombay 
7 ... mahim 
ब्रिटिशो ने जब अपना सेंटर ऑफिस  सूरत से बॉम्बे  शिफ्ट कर दिया तो जगह की कमी महसूस होने लगी  तब ब्रिटिशो ने एक नामंकिन सा लेकिन अहम् फैसला लिया ,इन सतो आयलैंड को जोड़ने का  , उसे कहा गया land reclamation  ... 
फिर लैंड को जोड़ने की  नामुनकिन कोशिस शुरू हो गई  , उस प्रोजेक्ट को नाम दिया गया  'hornby vellard project' जिसे पुरहने पुरे 150  साल का वक्त लगा जो की 1845  में बनकर तयार  हो गया एक नया बॉम्बे। 
समय के साथ  कुछ बदलाव भी होने लगे 1878  में victoriya  turminars  का काम काज शुरू है जिसे पूरा होने में 10  साल का वक्त लगा जोकि 1888  में बनकर पूरा हो गया। 
   बाद में 1911  में  बॉम्बे घूमने आये  किंग जॉर्ज और क्वीन मेरी इनकी याद में एक भव्य स्मारक का निर्माण शुरू हो गया 1914  में उस स्मारक को बनाना शुरू है और 1924  में बनकर तैयार हो गया जिसे gate wey off india नाम दिया गया ,और फिर 1995 में बॉम्बे का नाम बदलकर मुंबई रख दिया गया , आज देखा जय तो लगभग मुंबई की पूरी आबादी 1.50  से  2  crore  के आस पास है और इन लोगो की लाइफ लाइन है यहाँ की लोकल ट्रैन , लोकल ट्रैन की पूरी कहानी मय अभी नहीं बात पाउँगा कूँ  की उसका इतहास काफी पुराण है  जिसके लिए मुझे अलग से blogg  बनाना पड़ेगा , लेकिन  कुछ कीजे है जो हैरान करती है , जैसे दुनिया की सबसे बड़ी चाल  मंबई के धारावी में स्तिथ है , और भीकही बाते है मुझे लिखने को और आपको आप को पड़ने को  and  friends you know what south aisha bigest economics city it,s mumbai , can you billive it...i am proud to be indian ...SEE YA FOR MY NEXT BLOGG.....




















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